सावधान! ‘डिजिटल अरेस्ट’ के झांसे में न आएं, ठगी का नया तरीका

सावधान! ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर ठगी, ऐसे बचें इस साइबर फ्रॉड से

 

नई दिल्ली: साइबर ठगों ने ऑनलाइन ठगी के नए तरीके ईजाद कर लिए हैं। हाल ही में ‘डिजिटल अरेस्ट’ नामक नया फ्रॉड सामने आया है, जिसमें जालसाज कॉल या ईमेल के जरिए आपको झूठे कानूनी मामलों में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। यह एक पूरी तरह से फर्जी स्कैम है, जिससे सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

 

कैसे काम करता है ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम?

 

1. डराने वाली कॉल/ईमेल: ठग खुद को सरकारी अधिकारी, साइबर क्राइम अधिकारी या बैंक प्रतिनिधि बताकर आपसे संपर्क करते हैं।

 

 

2. फर्जी आरोप: वे आपको बताते हैं कि आपका नाम किसी साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल है।

 

 

3. डिजिटल अरेस्ट की धमकी: जालसाज कहते हैं कि आपको जल्द ही ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया जाएगा, जिसका कोई कानूनी अस्तित्व नहीं होता।

 

 

4. धोखे से पैसे ऐंठना: डराकर वे आपसे जुर्माने के रूप में ऑनलाइन भुगतान मांगते हैं।

 

 

5. निजी जानकारी चुराना: कई बार ये ठग आपकी बैंक डिटेल्स या ओटीपी मांग सकते हैं, जिससे वे आपके खाते से पैसे उड़ा सकते हैं।

 

 

 

‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई चीज नहीं होती, सतर्क रहें!

 

यह घोटाला सिर्फ एक धोखा है, क्योंकि ‘डिजिटल अरेस्ट’ नाम की कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। सरकार या पुलिस किसी को बिना उचित जांच के फोन या ईमेल के जरिए गिरफ्तार नहीं करती।

 

इससे बचने के लिए क्या करें?

 

✔ संदिग्ध कॉल्स को तुरंत काट दें।

✔ कोई भी बैंकिंग या निजी जानकारी साझा न करें।

✔ कोई भुगतान न करें, चाहे कितना भी दबाव डाला जाए।

✔ ऐसे स्कैम की तुरंत रिपोर्ट करें।

 

रिपोर्ट कहां करें?

 

अगर आपको इस तरह का कोई कॉल या मैसेज मिलता है, तो इसकी शिकायत तुरंत करें:

 

▶ राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल: cybercrime.gov.in

▶ साइबर हेल्पलाइन नंबर: 1930

 

अंतिम सलाह

 

साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को धोखा देने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों में डरें नहीं, बल्कि सतर्क रहें। जागरूकता ही आपके डिजिटल सुरक्षा कवच की तरह काम करेगी।

 

जानकार बनिए, सतर्क रहिए!

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