भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने दिसंबर 2024 में नए बदलावों के साथ डिजिटल भुगतान को और सशक्त किया है। ऑफलाइन लेनदेन की सीमा बढ़ाकर ₹1,000 और वॉलेट सीमा ₹5,000 की गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर UPI के विस्तार और ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी बढ़ती लोकप्रियता ने इसे भारत का सबसे पसंदीदा भुगतान माध्यम बना दिया है।
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भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हाल के महीनों में, UPI लेनदेन में कई महत्वपूर्ण बदलाव और वृद्धि देखी गई है।
UPI लेनदेन सीमा में वृद्धि
सितंबर 2024 से, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कर भुगतान के लिए UPI लेनदेन की सीमा प्रति लेनदेन ₹5 लाख तक बढ़ा दी है, जिससे उच्च-मूल्य के लेनदेन को प्रोत्साहन मिला है।
UPI लाइट में सुधार
दिसंबर 2024 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI लाइट के लिए ऑफलाइन डिजिटल भुगतान की सीमा ₹500 से बढ़ाकर ₹1,000 कर दी है, साथ ही वॉलेट की सीमा ₹2,000 से बढ़ाकर ₹5,000 कर दी है।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में UPI की बढ़ती लोकप्रियता
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में UPI प्रमुख भुगतान माध्यम बन गया है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिल रहा है।
UPI लेनदेन में वृद्धि
जनवरी से नवंबर 2024 के बीच, UPI लेनदेन का कुल मूल्य 35% बढ़कर ₹223 लाख करोड़ हो गया, जबकि वॉल्यूम में 46% की वृद्धि हुई है।