FIFA World Cup 2030: मोरक्को की 30 लाख कुत्तों को मारने की योजना पर विवाद

मोरक्को, जो FIFA World Cup 2030 की स्पेन और पुर्तगाल के साथ सह-मेजबानी करेगा, इस वक्त आलोचनाओं के घेरे में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश 30 लाख आवारा कुत्तों को मारने की योजना बना रहा है। यह कदम पर्यटन और सफाई के लिए उठाया जा रहा है, लेकिन इसका अमानवीय तरीका और दीर्घकालिक असर इसे विवादास्पद बना रहा है।

 

 

मोरक्को की विवादित योजना: क्या है मामला?

 

मोरक्को सरकार ने विश्व कप की तैयारी के तहत आवारा कुत्तों की समस्या को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर उनके खात्मे की योजना बनाई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हजारों कुत्तों को पहले ही अत्यधिक जहरीले स्ट्राइकिन से जहर देकर या सार्वजनिक जगहों पर गोली मारकर मारा जा चुका है।

 

कुत्तों को मारने का असर और इसकी आलोचना

 

यह कदम न केवल अमानवीय है, बल्कि दीर्घकालिक समाधान भी नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि आवारा कुत्तों को मारने से रैबीज जैसी बीमारियां खत्म नहीं होतीं। इसके बजाय, बड़े पैमाने पर टीकाकरण और नसबंदी कार्यक्रमों को अपनाने की जरूरत है।

 

पशु अधिकार संगठनों का तर्क है कि इस तरह की कार्रवाई स्थानीय पारिस्थितिकी को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

 

 

भारत और पशु क्रूरता पर कानून

 

भारत ने आवारा जानवरों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा तैयार किया है।

 

1. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960:

इस कानून के तहत, बिना वैध कारण के किसी भी जानवर को मारना या नुकसान पहुंचाना गैरकानूनी है।

 

2. टीएनआर कार्यक्रम:

भारत के कई राज्यों में ‘ट्रैप, न्यूटर, रिटर्न’ कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाए जा रहे हैं, जो कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने का एक मानवीय तरीका है।

 

 अंतरराष्ट्रीय विरोध और सामाजिक मीडिया पर हंगामा

 

मोरक्को की योजना के खिलाफ कई पशु अधिकार संगठन सामने आए हैं। पेटा (PETA) और डब्ल्यूएसपीए (WSPA) जैसे संगठनों ने इस अमानवीय कदम की कड़ी निंदा की है। सोशल मीडिया पर #SaveMoroccanDogs जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, और लोग मोरक्को सरकार से इस क्रूर योजना को रोकने की अपील कर रहे हैं।

 

क्या FIFA को कदम उठाना चाहिए?

 

फीफा जैसी वैश्विक संस्था को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। यदि विश्व कप जैसे आयोजन की तैयारियों में नैतिक मूल्यों की अनदेखी की जाएगी, तो इसका आयोजन और उसकी छवि प्रभावित हो सकती है।

 

 

स्थायी समाधान: कुत्तों की हत्या नहीं, प्रबंधन जरूरी

 

विशेषज्ञों का मानना है कि आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:

 

1. नसबंदी कार्यक्रम: कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रित करने का सबसे मानवीय तरीका।

 

 

2. टीकाकरण अभियान: रैबीज जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण जरूरी है।

 

 

3. पुनर्वास और गोद लेना: स्थानीय स्तर पर कुत्तों को पुनर्वासित करना और उन्हें गोद लेने को बढ़ावा देना।

 

 

मोरक्को की 30 लाख कुत्तों को मारने की योजना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ यह कदम पर्यटन और विश्व कप आयोजन की तैयारियों का हिस्सा है, वहीं दूसरी तरफ इसका अमानवीय तरीका और प्रभाव इसे नैतिक रूप से गलत बनाता है।

आपकी राय 

क्या मोरक्को को यह कदम उठाना चाहिए, या स्थायी और मानवीय समाधान अपनाने की जरूरत है? अपनी राय कमेंट्स में बताएं।

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