गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GB Syndrome) क्या है? जानें लक्षण, कारण और बचाव के तरीके!

गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GB Syndrome) क्या है?

 

गुइलेन बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) यानी GB Syndrome एक दुर्लभ ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिका तंत्र (नर्व्स) पर हमला करने लगती है, जिससे हाथ-पैर में झुनझुनी, कमजोरी और गंभीर मामलों में पक्षाघात (Paralysis) हो सकता है। यह स्थिति किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 30-50 वर्ष के लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है।

 

GB Syndrome के लक्षण (Symptoms of GB Syndrome)

 

शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ यह गंभीर हो सकते हैं। इसके मुख्य लक्षण हैं:

✔️ हाथ-पैर में झुनझुनी या सनसनाहट

✔️ मांसपेशियों में कमजोरी, खासकर पैरों में

✔️ संतुलन बनाने में परेशानी और चलने में दिक्कत

✔️ हाथों और पैरों का सुन्न होना

✔️ सांस लेने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)

✔️ बोलने और निगलने में परेशानी

✔️ आंखों की मूवमेंट पर असर और धुंधला दिखना

 

⚠️ कब दिखते हैं लक्षण?

👉 लगभग 70% मामलों में लक्षण 1 से 6 हफ्ते के भीतर दिखने लगते हैं।

👉 कुछ गंभीर मामलों में 24-48 घंटे में तेजी से लक्षण बढ़ सकते हैं।

 

GB Syndrome के कारण (Causes of GB Syndrome)

 

इसका सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह बीमारी अक्सर किसी संक्रमण के बाद विकसित होती है। इसके संभावित कारण हैं:

 

वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण – फ्लू, डेंगू, जीका वायरस या कैंपिलोबैक्टर (Campylobacter) बैक्टीरिया

 

सर्जरी या टीकाकरण के बाद – दुर्लभ मामलों में

 

ऑटोइम्यून विकार – जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलत तरीके से शरीर पर हमला करती है

 

 

GB Syndrome किन्हें ज्यादा प्रभावित करता है?

 

✅ 30-50 वर्ष के लोगों में अधिक खतरा होता है।

✅ जिन लोगों को हाल ही में संक्रमण हुआ हो (जैसे वायरल फ्लू, डेंगू या कोरोना)।

✅ कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग।

 

GB Syndrome कितना खतरनाक है?

 

🔴 गंभीर मामलों में व्यक्ति पूरी तरह से पैरालाइज हो सकता है और ICU में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है।

⚠️ हालांकि, 98% मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन रिकवरी में कई हफ्तों से लेकर सालभर तक का समय लग सकता है।

 

GB Syndrome का इलाज और बचाव (Treatment & Prevention)

 

फिलहाल, इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन सही समय पर इलाज से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

 

🔹 इम्यूनोथेरेपी (IVIG और प्लाज्मा एक्सचेंज) – शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सही करने में मदद करती है।

🔹 फिजियोथेरेपी – मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने और शरीर को पुनः सक्रिय करने के लिए।

🔹 सपोर्टिव केयर – ऑक्सीजन सपोर्ट और जीवनरक्षक उपाय जरूरी हो सकते हैं।

 

GB Syndrome से बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके:

 

✔️ इन्फेक्शन से बचाव करें – नियमित रूप से हाथ धोएं और बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें।

✔️ स्वस्थ आहार लें – शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए फल, सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार लें।

✔️ नियमित व्यायाम करें – शरीर को एक्टिव रखने से तंत्रिका तंत्र मजबूत रहता है।

✔️ साफ-सफाई का ध्यान रखें – मोबाइल, दरवाजों के हैंडल, बाथरूम आदि की सफाई करें।

 

 

गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GB Syndrome) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। हालांकि, समय पर पहचान और सही इलाज से ज्यादातर मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। इसलिए, यदि आपको सुन्नता, झुनझुनी, कमजोरी या सांसलेने में दिक्कत हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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