महाकुंभ 2025: कैसे होती है श्रद्धालुओं की गिनती और भीड़ प्रबंधन?

महाकुंभ, भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, एक ऐसा उत्सव है जो पूरी दुनिया के लोगों को अपनी आध्यात्मिक शक्ति और धार्मिक महत्व के कारण आकर्षित करता है। हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह महापर्व करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है। 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसे विशाल आयोजन में भीड़ की सही गिनती और उसका प्रबंधन अपने आप में एक चुनौती है। इसके लिए सरकार और प्रशासन ने अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है।

कैसे होती है महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती?

1. एआई आधारित कैमरों का उपयोग

महाकुंभ में इस बार 1800 अत्याधुनिक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे मेले में आने वाले लोगों के चेहरे और मूवमेंट को स्कैन करते हैं।

चेहरे की पहचान: ये कैमरे चेहरे की विशेषताओं के आधार पर भीड़ का डेटा इकट्ठा करते हैं।

रियल-टाइम विश्लेषण: यह सिस्टम यह गणना करता है कि हर घंटे में कितने लोग मेले के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।

2. ड्रोन टेक्नोलॉजी का सहारा

ड्रोन का उपयोग बड़े पैमाने पर भीड़ का घनत्व मापने के लिए किया जा रहा है।

भीड़ घनत्व विश्लेषण: ड्रोन ऊंचाई से पूरे क्षेत्र की तस्वीरें और वीडियो कैप्चर करते हैं और यह अंदाजा लगाते हैं कि एक समय में किस क्षेत्र में कितने लोग मौजूद हैं।

आपातकालीन स्थिति की पहचान: ड्रोन डेटा का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कहीं भी भीड़ खतरनाक स्तर तक न बढ़े।

3. क्राउड असेसमेंट टीम

सरकार ने “क्राउड असेसमेंट टीम” नामक एक विशेष टीम बनाई है। यह टीम एआई और ड्रोन से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करती है और यह सुनिश्चित करती है कि भीड़ नियंत्रण सुचारू रूप से हो।

महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन की चुनौतियां और समाधान

भीड़ नियंत्रण के लिए तकनीकी कदम

डिजिटल पास सिस्टम: इस बार मेले में प्रवेश के लिए डिजिटल पास जारी किए जा रहे हैं, जिससे पता लगाया जा सके कि कितने लोग एक दिन में मेले में प्रवेश कर रहे हैं।

स्मार्ट बैरिकेडिंग: एआई से जुड़े बैरिकेड्स भी लगाए गए हैं, जो भीड़ के दबाव को पहचानते हुए अलर्ट जारी करते हैं।

आपातकालीन सेवाएं

पूरे क्षेत्र में 24/7 सक्रिय मेडिकल और सुरक्षा टीमें तैनात की गई हैं।

हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है ताकि किसी भी परेशानी का तुरंत समाधान किया जा सके।

महाकुंभ 2025 में तकनीक का महत्व

इस बार प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन के लिए जो तकनीक अपनाई जा रही है, वह न केवल मेले को सुरक्षित बना रही है, बल्कि इसे एक ऐतिहासिक और सुव्यवस्थित आयोजन का रूप भी दे रही है। यह दर्शाता है कि कैसे परंपरा और आधुनिकता का मेल करके विशाल आयोजनों को प्रबंधित किया जा सकता है।

 

महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के लिए तकनीक, प्रशासन और श्रद्धालुओं के सहयोग की जरूरत है। एआई कैमरे, ड्रोन और क्राउड असेसमेंट टीम जैसे उपाय इस आयोजन को न केवल सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि यह सुनिश्चित करेंगे कि हर श्रद्धालु का अनुभव यादगार और अद्भुत हो। महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन के इस नए अध्याय ने एक बार फिर यह साबित किया है कि भारत तकनीक और परंपरा को एक साथ आगे बढ़ाने में अग्रणी है।

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