मंईयां सम्मान योजना: हाई कोर्ट ने हेमंत सरकार से मांगी जानकारी, जानिए क्या है मामला

Maiya Samman Yojana: हाई कोर्ट ने सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

झारखंड में महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करने के लिए शुरू की गई मंईयां सम्मान योजना एक बार फिर चर्चा में है। झारखंड हाई कोर्ट ने इस योजना से जुड़े वित्तीय और प्रशासनिक पहलुओं पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस योजना में हुए खर्च और लाभार्थियों की संख्या का विवरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

 

 

मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य और लाभ

 

यह योजना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देना है। इस राशि का भुगतान सीधे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया जाता है, जिससे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और सशक्तिकरण प्राप्त होता है।

 

इस योजना के मुख्य बिंदु:

 

1. लक्ष्य: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और आर्थिक असमानता को कम करना।

 

 

2. लाभ: हर पात्र महिला को हर महीने 2500 रुपये।

 

 

3. पात्रता: झारखंड की निवासी 18 से 50 वर्ष की महिलाएं।

 

 

क्या है हाई कोर्ट का आदेश?

 

हाई कोर्ट ने मंईयां सम्मान योजना को लेकर राज्य सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं:

 

अब तक कितने लोगों को इस योजना का लाभ मिला है?

योजना में कुल कितनी राशि खर्च हुई है?

क्या इस योजना के लिए उचित वित्तीय योजना बनाई गई है?

यह आदेश झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

 

क्या है मामला?

 

यह याचिका रतन देवी नाम की महिला ने दायर की थी। उनके पति राजशेखर तिवारी, जो चतरा जिले में लाइब्रेरियन थे, का वर्ष 2022 में निधन हो गया। 1999 से 2022 तक उन्हें 18.68 लाख रुपये की बकाया राशि नहीं दी गई।

 

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार एक ओर इस योजना में मुफ्त धनराशि बांट रही है, जबकि सरकारी कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा।

 

 

योजना पर विपक्ष और विशेषज्ञों की राय

 

1. विपक्ष का आरोप: विपक्ष ने मंईयां सम्मान योजना को एक चुनावी एजेंडा करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार इस योजना के जरिए जनता को लुभाने की कोशिश कर रही है।

 

 

2. विशेषज्ञों की राय: कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना महिलाओं के लिए सकारात्मक पहल है, लेकिन बिना उचित बजट आवंटन के इसे लागू करना वित्तीय संकट को बढ़ा सकता है।

 

अगली सुनवाई और संभावित प्रभाव

 

हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी 2025 को निर्धारित की है। सरकार को तब तक इस योजना से संबंधित सभी विवरण अदालत में पेश करने होंगे।

 

 

 

Maiya Samman Yojana झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, लेकिन इसके कार्यान्वयन पर सवाल उठ रहे हैं। इस योजना के जरिए महिलाएं सशक्त हो रही हैं, लेकिन इसके लिए बजट प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करना आवश्यक है।

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