मोबाइल इंश्योरेंस क्यों जरूरी? भारत में 84% लोग कर रहे हैं ये गलती!

भारत में सिर्फ 16% लोग लेते हैं मोबाइल इंश्योरेंस – क्या आप भी कर रहे हैं ये बड़ी गलती?

भारत में हर 10 में से 8 लोगों के पास स्मार्टफोन है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि सिर्फ 16% यूजर्स ही मोबाइल इंश्योरेंस लेते हैं। यानी 84% यूजर्स बिना किसी सुरक्षा के महंगे फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

 

अगर आपका फोन चोरी हो जाए या पानी में गिरकर खराब हो जाए, तो क्या आप तुरंत नया फोन खरीद सकते हैं? अगर नहीं, तो मोबाइल इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है। इससे आपको फोन डैमेज या चोरी होने पर आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

 

आइए जानते हैं कि मोबाइल इंश्योरेंस क्यों जरूरी है, यह क्या-क्या कवर करता है और इसे खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

 

मोबाइल इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?

 

जब भी आप नया फोन खरीदते हैं, तो आपको कंपनी से 1 साल की लिमिटेड वारंटी मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं?

 

➡ फोन चोरी हो जाए तो वारंटी में कुछ नहीं मिलेगा।

➡ पानी में गिरने या एक्सीडेंटल डैमेज पर भी वारंटी बेकार है।

➡ अगर स्क्रीन टूट जाए तो रिप्लेसमेंट का भारी खर्च उठाना पड़ता है।

 

यहीं पर मोबाइल इंश्योरेंस काम आता है! यह न सिर्फ चोरी, एक्सीडेंटल डैमेज और लिक्विड डैमेज को कवर करता है, बल्कि रिपेयर और रिप्लेसमेंट पर भी मदद करता है।

 

 

 

क्या-क्या कवर करता है मोबाइल इंश्योरेंस?

 

हर मोबाइल इंश्योरेंस प्लान अलग होता है, लेकिन आमतौर पर ये चीजें कवर की जाती हैं:

 

✔ हार्डवेयर डैमेज – फोन गिरकर टूट जाए तो फ्री रिपेयर या रिप्लेसमेंट।

✔ एक्सीडेंटल डैमेज – फोन गलती से गिरने पर भी कवर मिलेगा।

✔ लिक्विड डैमेज – अगर फोन पानी में गिर जाए तो भी इंश्योरेंस मदद करेगा।

✔ चोरी या लूट – फोन चोरी होने की स्थिति में नया फोन खरीदने के लिए क्लेम।

✔ स्क्रीन रिप्लेसमेंट – स्क्रीन टूटने पर मुफ्त या कम कीमत में नई स्क्रीन।

✔ सॉफ़्टवेयर फेलियर – अगर फोन में सिस्टम फेल हो जाए तो भी कवर।

 

ध्यान दें कि हर प्लान में सभी सुविधाएं नहीं मिलतीं। इसलिए इंश्योरेंस खरीदते समय इसे ध्यान से पढ़ें।

 

 

 

मोबाइल इंश्योरेंस लेते समय ये 4 बातें ध्यान रखें!

 

मोबाइल इंश्योरेंस लेते समय कई लोग छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं, जिससे क्लेम करने में दिक्कत आती है। अगर आप सही इंश्योरेंस चाहते हैं, तो ये 4 बातें जरूर देखें:

 

✅ 1. डिप्रिसिएशन समझें

 

जैसे-जैसे आपका फोन पुराना होता जाता है, उसकी कीमत घटती जाती है। इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम देने से पहले फोन की मौजूदा कीमत देखती हैं, न कि खरीदारी की कीमत। इसलिए, क्लेम से पहले इसकी शर्तें समझना जरूरी है।

 

✅ 2. हिडन चार्जेस से बचें

 

कुछ इंश्योरेंस कंपनियां छिपे हुए शुल्क (hidden charges) लेती हैं, जो बाद में पता चलते हैं। हमेशा प्लान को ध्यान से पढ़ें और कंपनी से सभी चार्जेस की जानकारी लें।

 

✅ 3. क्लेम प्रोसेस आसान हो

 

अगर इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम प्रोसेस बहुत लंबा और जटिल है, तो वह आपके लिए फायदेमंद नहीं रहेगा। ऐसी कंपनी चुनें, जहां ऑनलाइन क्लेम और फास्ट अप्रूवल मिले।

 

✅ 4. ब्रांडेड इंश्योरेंस चुनें

 

हमेशा ब्रांड से ही मोबाइल इंश्योरेंस खरीदें। जैसे –

📌 AppleCare+ (Apple iPhones के लिए)

📌 Samsung Care+ (Samsung मोबाइल्स के लिए)

📌 OnePlus Care (OnePlus डिवाइसेज़ के लिए)

 

अगर ब्रांड से इंश्योरेंस नहीं मिल रहा, तो केवल भरोसेमंद थर्ड-पार्टी कंपनियों से ही इंश्योरेंस लें।

 

 

 

मोबाइल इंश्योरेंस कहां से खरीदें?

 

अगर आप मोबाइल इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं, तो इन ऑप्शंस को चुन सकते हैं:

 

1️⃣ फोन खरीदते समय ब्रांड का इंश्योरेंस लें।

2️⃣ ऑनलाइन इंश्योरेंस कंपनियों की वेबसाइट पर चेक करें।

3️⃣ बैंकों और डिजिटल पेमेंट ऐप्स (Paytm, PhonePe) से भी इंश्योरेंस ले सकते हैं।

 

 

 

निष्कर्ष – मोबाइल इंश्योरेंस लेना सही फैसला या नहीं?

 

अगर आपका फोन महंगा है और आप उसे रोजाना इस्तेमाल करते हैं, तो मोबाइल इंश्योरेंस लेना एक स्मार्ट डिसीजन होगा।

 

✔ फोन चोरी हो जाए तो नया फोन लेने का खर्च नहीं पड़ेगा।

✔ स्क्रीन टूटने या डैमेज होने पर क्लेम मिल सकता है।

✔ पानी में गिरने या हार्डवेयर फेलियर पर भी

कवर मिलता है।

 

आज ही सही इंश्योरेंस चुनें और अपने महंगे स्मार्टफोन को सुरक्षित रखें!

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