आजकल ऑनलाइन मीटिंग, क्लास या फिर टेक्निकल मदद लेने के लिए लोग आसानी से स्क्रीन शेयर कर देते हैं। लेकिन यही सुविधा अब ठगों के लिए नया हथियार बन चुकी है। एक छोटी सी लापरवाही आपको Screen Sharing Scam का शिकार बना सकती है और आपके बैंक अकाउंट से लेकर आपकी निजी जानकारी तक खतरे में डाल सकती है।
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Screen Sharing Scam कैसे होता है?
स्कैमर्स आपको फोन या वीडियो कॉल करके खुद को बैंक अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या टेक सपोर्ट वाला बताते हैं।
वे आपको डराते हैं कि – आपका अकाउंट ब्लॉक हो गया है , KYC अपडेट करना जरूरी है, सिक्योरिटी अलर्ट है, तुरंत सुधार करें।
ऐसे में लोग जल्दी-जल्दी में स्क्रीन शेयर कर देते हैं। और जैसे ही स्क्रीन शेयर होता है, स्कैमर्स को आपके OTP, पासवर्ड, UPI पिन, कार्ड डिटेल्स और निजी डॉक्यूमेंट्स तक एक्सेस मिल जाता है।
Screen Sharing Scam से होने वाले नुकसान
•बैंक अकाउंट से सारे पैसे गायब हो सकते हैं
•आधार, पैन और पासपोर्ट जैसी जानकारियों का गलत इस्तेमाल हो सकता है
•आपके नाम पर फर्जी अकाउंट खोलकर अपराध किए जा सकते हैं
•आपके ईमेल, चैट और बिजनेस डॉक्यूमेंट लीक हो सकते हैं
लगातार ठगी और डर की वजह से मानसिक तनाव बढ़ सकता है
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Screen Sharing Scam से कैसे बचें?
✅ कभी भी अनजान लोगों के साथ स्क्रीन शेयर न करें।
✅ कॉल या मीटिंग में शामिल होने से पहले प्रतिभागियों की पहचान ज़रूर जांचें।
✅ हमेशा 2FA (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) ऑन रखें।
✅ स्क्रीन शेयर करने से पहले सभी निजी फाइलें और ब्राउज़र टैब बंद कर दें।
✅ स्क्रीन रिकॉर्डिंग और स्क्रीन मिररिंग ऑप्शन बंद रखें।
✅ भरोसेमंद एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर इंस्टॉल करें।
👉 याद रखें, बैंक, सरकार या कोई भी असली संस्था आपसे कभी भी स्क्रीन शेयर करने को नहीं कहेगी। अगर कोई कहे, तो समझ लीजिए वो स्कैमर है।
डिजिटल दुनिया में सुविधाओं के साथ खतरे भी बढ़े हैं। एक छोटी सी गलती आपको Screen Sharing Scam का शिकार बना सकती है। इसलिए अगली बार स्क्रीन शेयर करने से पहले सोचिए – “क्या ये मदद है या जाल?”