आखिर क्यों विनोद कांबली रिटायर्ड हुए?
एक वक्त ऐसा था जब कांबली ( Vinod Kambli) अपने स्कूल दोस्त सचिन( Sachin Tendulkar) से आगे निकलते नजर आ रहे थे। कम पारी में ज्यादा रन हो या फिर टेस्ट मैचों में दोहरा शतक कांबली ने सचिन तेंदुलकर से पहले जमाए थे।
अपनी बिंदास जीवन शैली के लिए मशहूर रहे 52 साल के कांबली आज बीसीसीआई (BCCI) से मिलने वाले 30 हजार रूपए की मासिक पेंशन पर गुजारा कर रहे है।
करियर रिकॉर्ड
स्कूली क्रिकेट में 349 रनों की पारी और 664 रन की रिकॉर्ड साझेदारी
रणजी ट्रॉफ़ी के पहले ही मैच में पहली ही गेंद पर छक्का
टेस्ट मैचों में सबसे तेज़ 1000 रन बनाने का भारतीय रिकॉर्ड
शुरुआती 7 टेस्ट में दो दोहरे शतकों के साथ कुल चार शतक
टेस्ट में 54 और प्रथम श्रेणी में 60 से अधिक का औसत
21 साल की उम्र में पहला टेस्ट, लेकिन सिर्फ़ 14 मैच
दिग्गज स्पिनर शेन वार्न के एक ओवर में 22 रन
23 की उम्र में आख़िरी टेस्ट और वापसी का रास्ता बंद
वक्त से पहले सिमट गया विनोद कांबली का करियर
अनुशासन की कमी ने उनको क्रिकेट से दूर कर दिया और सचिन कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते चले गए।
विनोद कांबली ने क्रिकेट से संन्यास इसलिए लिया था, क्योंकि वह खेल भारती स्पोर्ट्स अकादमी में कोच बनना चाहते थे. उन्होंने 15 अगस्त, 2009 को मुंबई में अपनी अकादमी शुरू की थी. इसके बाद, उन्होंने मुंबई के बीकेसी में एमसीए अकादमी के मुख्य कोच के तौर पर भी काम किया.
विनोद कांबली ने 17 टेस्ट मैचों और 104 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. टेस्ट मै0चों में उन्होंने 54.20 की औसत से 1,084 रन बनाए थे. वहीं, वनडे में उन्होंने 32.59 की औसत से 2,477 रन बनाए थे.
विनोद कांबली की निजी ज़िंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव रहे हैं. शराब की लत की वजह से उनके कई साथी क्रिकेटर्स उनसे दूर गए हैं. कांबली ने पहली शादी नोएला लुईस से की थी, लेकिन यह शादी ज़्यादा दिनों तक नहीं चली. इके बाद, उन्होंने मॉडल एंड्रिया हेविट से शादी की।
कांबली खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मुताबिक भी नहीं ढाल पाए. 1994 में कर्टनी वाल्श जैसे गेंदबाज़ों के बाउंसर उनके लिए पहेली साबित हुए।