उषा वांस:अमेरिका की पहली भारतीय मूल की सेकंड लेडी

कौन हैं उषा वांस?

उषा वांस, भारतीय मूल की पहली अमेरिकी सेकंड लेडी बनने वाली शख्सियत, अपनी शिक्षा, पारिवारिक मूल्यों और असाधारण उपलब्धियों के कारण सुर्खियों में हैं। उनके परिवार की जड़ें आंध्र प्रदेश के वड्लुरु गांव से जुड़ी हैं। उषा के माता-पिता 1980 के दशक में अमेरिका में बस गए थे। उनकी मां एक मरीन मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट और बायोकेमिस्ट हैं, जो कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सैन डिएगो में प्रोवोस्ट हैं। वहीं, उनके पिता एक इंजीनियर हैं। उषा का परिवार भारत के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) से गहरे जुड़ाव रखता है।

 

उषा वांस ने येल यूनिवर्सिटी से इतिहास में स्नातक और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से फिलॉसफी में मास्टर डिग्री प्राप्त की, जहां उन्हें प्रतिष्ठित गेट्स स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ब्रेट कैवनॉ और जॉन रॉबर्ट्स के साथ क्लर्क के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने मंगर, टोल्स एंड ओल्सन में कॉर्पोरेट लिटिगेटर के रूप में अपनी सेवाएं दीं।

JD वांस से मुलाकात और उनकी प्रेम कहानी

येल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उषा वांस की मुलाकात उनके जीवनसाथी JD वांस से हुई। दोनों ने एक असाइनमेंट पर काम करते हुए अपने विचार साझा किए और जल्द ही एक मजबूत बंधन विकसित किया। JD वांस ने अपनी आत्मकथा में उषा को अपना “सांत्वना का स्रोत” बताया। उषा ने अपने एक बयान में कहा,
“मेरा और JD का बैकग्राउंड बहुत अलग है, लेकिन हमारा रिश्ता इस बात का उदाहरण है कि अमेरिका में क्या-क्या संभव है।”

राजनीतिक सफर में उषा वांस का समर्थन

JD वांस की राजनीतिक यात्रा के दौरान उषा हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं। 2024 के अभियान के दौरान JD वांस के विवादास्पद बयानों पर आलोचना के बावजूद, उषा ने दृढ़ता से उनका समर्थन किया। उनके इस साहस और समर्पण ने उन्हें JD वांस के जीवन और करियर का अभिन्न हिस्सा बना दिया।

पारिवारिक और सामुदायिक योगदान

उषा ने अपने करियर से ब्रेक लेकर अपने परिवार और JD वांस के राजनीतिक अभियान पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने न केवल अपने परिवार का समर्थन किया, बल्कि अपने समुदाय में भी प्रेरणा का स्रोत बनीं।

उषा वांस: प्रेरणा और आदर्श

उषा वांस का जीवन यह दिखाता है कि कैसे परंपराओं और आधुनिकता का संगम व्यक्ति को शिखर तक पहुंचा सकता है। भारतीय मूल की होने के बावजूद, उन्होंने अमेरिकी समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपनी जड़ों से जुड़कर ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं।

Leave a Comment

Instagram
Telegram
WhatsApp